ऐ जिंदगी तेरे दामन से
धूल उड़ा दूंगी
तू फेकेगी पत्थर
उसको मैं फूल बना दूंगी
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जिंदगी है बस युहीं !
दूर कही पहाडोपर बैठे रहे
आसमानोकी खुबीया देखते…
जिंदगी
अक्सर जो धोका देती है
उससे क्यों प्यार किया करते है हम
जिंदगी तुमपे क्यों
ऐतबार किया करते है हम!
सपने में तुम
कितना अच्छा लगता है
जब सपने में तुम होते हो
इस पार मैं अकेली कभी नहीं
क्योंकी उस पार साथ तुम रहते हो…
बाते
बाते बस बाते होती है
उन्हे कभी दिल से न लेना
पीछे हटती लहरों की तरह
उनको पलभर है रहना…
ग्रहण
कुछ तो वजह होगी
के हालात बेरहम है
इस दुनिया में
सूरज को भी तो ग्रहण है….
सच
सच को किसी का
डर नही होता
ना होती कोई शरम
सच को ना चाहिए
कोई साई
ना डरते उसके करम !
जनाब
दुनिया की सितम से क्यों बदले?
हम हिसाब नही कर रहे जनाब
हम तो जी रहे है!!!!