मैं अपने ग़म में डुबकियाँ लगाती हूँ
बेहद खुश होकर
मैं अपने गम में डुबकियाँ लगाती हूँ
बेहद खुश होकर…
ये तो तुम्हारा नज़रिया है
तुम खुशी देखो या ग़म
मैं अपने ग़म में डुबकियाँ लगाती हूँ
बेहद खुश होकर
मैं अपने गम में डुबकियाँ लगाती हूँ
बेहद खुश होकर…
ये तो तुम्हारा नज़रिया है
तुम खुशी देखो या ग़म